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बागरोदा पंचायत में मजदूर की मनरेगा, ठेकेदार से काम, धड़ल्ले से भुगतान परेशान मजदूर

 


महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना को पलीता लगा रहे हैं सरपंच सचिव

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भोपाल । फंदा जनपद की ग्राम पंचायत बागरोदा में  ठेकेदार को मजदूरी के लिए लाखों भुगतान महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में मजदूरों के सपनों का रौंदकर ठेकेदारों को फायदा पहुंचाकर जनपद से जिला स्तर तक के अफसर माला-माल हो रहे हैं। मनरेगा की सड़क और तालाब रोड एवं अन्य निर्माण कार्यों में मजदूरों से ज्यादा कमीशन के लालच में ठेकेदार का उपयोग करके लाखों रुपए का भुगतान कर जेब भरी जा रही है। मजदूरी के नाम पर ठेकेदारों को धड़ल्ले से भुगतान हो रहा है।

सरपंच सचिव की कमीशन खोरी के कारण गरीब मजदूर हो रहे हैं बेरोजगार

गरीब मजदूर अपने गांव व आसपास के गांव में रोजगार पाकर अपने बच्चों की देखरेख व लालन-पालन व शिक्षण कार्य बेहतर करा सकें इस उद्देश्य को लेकर केन्द्र सरकार ने महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना शुरू की है। रोजगार गांरटी योजना में मशीनों और ठेकेदार से काम कराना बिल्कुल बंद था। शुरूआती दौर पर जब पंचायतों ने चोरी-छिपे मशीनों से काम कराया तो उन पर कार्रवाई भी हुई। जिससे मजदूरों को काम मिला और उनका स्तर भी बढ़ा लेकिन अफसरशाही ने अपने फायदे के लिए मनरेगा के लक्ष्य को भटका दिया है। अब ग्राम पंचायतों में चल रहे मनरेगा के निर्माण कार्यो में मजदूर से कम और ठेकेदारों से ज्यादा काम करवाकर मनरेगा की राशि में घालमेल किया जा रहा है। इसका ताजा  उदाहरण पंचायत बगरोदा से सामने आ रहा है जिसमें शैफ अली खान पिता साबिर अली के नाम से लाखों रुपए का भुगतान किया गया है लेकिन बगरोदा पंचायत के सरपंच सचिव ने गांव के लोगों को कम नहीं देकर बाहर के व्यक्ति से कमीशन के लालच में काम करवाया है जिससे बगरोदा पंचायत में मजदूरी का सपना देख रहे लोग बेरोजगार हो गए हैं ऑनलाइन भुगतान होने से मनरेगा में मजदूरी का भुगतान सीधे मजदूर के खाते में जाता है। ऐसे में पंचायत के सरपंच,सचिव,उपयंत्री और जनपद पंचायत,जिला पंचायत के सीईओ को कोई ज्यादा फायदा नहीं हो पाता था। ऐसे में अफसरों ने मनरेगा की राशि में घालमेल करने के लिए उसका तोड़ निकालते हुए मशीनों का भी प्रावधान कर दिया। मशीनों का प्रावधान होने से ग्राम पंचायत और तकनीकी अमला ठेकेदारों से सांठगांठ कर मशीनो का उपयोग ज्यादा कर फर्जी बिल बाउचर लगाकर राशि निकाल रहे हैं जिसका कमिशन ग्राम पंचायत से लेकर जिला स्तर तक पहुंच रहा है।

बगरोदा पंचयात में मजदूरी के नाम पर 2023 से अब तक ऐसे निकले गए लाखो

शैफ़ अली खान की बिक्रेता आई.डी 2961707 गोहरगंज के नाम से बनाई गई जिसमें 23/11/2023 से 11/11/2024 तक 33 बार वाउचर लगाकर लाखों रुपए का मजदूरी के नाम से भुगतान किया गया जिसको देखकर बागरोदा पंचायत में मजदूरी के नाम पर की जा रहे भ्रष्टाचार की ओर अंदाजा लगाया जा सकता है पंचायत सूत्रों की माने तो सिर्फ मजदूरी में ही नहीं सरपंच सचिव की मिली भगत से हो रहे निर्माण कार्यों में भी बड़ा भ्रष्टाचार किया जा रहा है जो कार्य ग्राम पंचायत बागरोदा में मौके पर करवाए गए हैं उनकी गुणवत्ता से अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से खटिया सामग्री का उपयोग कर कर कमीशन के लालच में कई वेंडर को खरीदी के नाम पर बड़े-बड़े भुगतान किए गए हैं सूत्र का यह भी कहना है कि अगर ग्राम पंचायत में किया जा रहे निर्माण कार्यों की सही से जांच हो जाए तो सरपंच सचिव द्वारा अब तक किए गए भ्रष्टाचार का सच पूरी तरह से जिम्मेदार अधिकारियों के सामने खुलकर आ जाएगा क्योंकि सरपंच सचिव निर्माण कार्य काम और बिल भुगतान कमीशन के लालच में करने में ज्यादा रुचि ले रहे हैं बताया कि ग्राम पंचायत सरपंच तो महिला है लेकिन इनके पति पंचायत चलाते हैं सरपंच को किसी भी कार्य की जानकारी नहीं रहती है।

इनका कहना है

 ( 1 ) पंचायत में मजदूरी मनरेगा के तहत नहीं करवाई जाती है शैफ अली खान लंबे समय से बागरोदा पंचायत में मजदूर लगाकर कार्य करवा रहे हैं जिनको हम वाउचर के माध्यम से भुगतान करते हैं सचिव 

ग्राम पंचायत बागरोदा

 ( 2 )फोन लगाने पर इनका जवाब यह रहा में बैठक में हूं जब फ्री हो जाऊंगा तो बात करता हूं पंचायत में सरपंच का काम देखने वाले सरपंच पति

( 3 ) मामले को दिखाता हूं अगर ऐसा हो रहा है तो जांच के बाद करवाई की जाएगी

जनपद CEO फंडा