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परिवहन उपआयुक्त मधु सिंह पर गंभीर धाराओं में FIR दर्ज

 


सड़क दुर्घटना के बाद जाती है मध्य प्रदेश सरकार

मध्य प्रदेश के परिवहन विभागों में RTO अधिकारियों की वजह से भारत में सबसे पहले नाम मध्य प्रदेश परिवहन कार्यालय का लिया जाता है परिवहन कार्यालय का नाम उनके अच्छे कार्यों के लिए नहीं बल्कि रिश्वत और दलाली के लिए प्रसिद्ध माना जाता है परिवहन विभाग के बड़े-बड़े अधिकारी मंत्री को भी भ्रष्टाचार रिश्वतखोरी और दलाली के संबंध में जानकारी मिलने पर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाती हैं बल्कि जांच के नाम पर मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कर्मचारी मध्य प्रदेश के अधिकतर परिवहन कार्यालय रिश्वतखोरी और दलाली का अड्डा बने हुए हैं वहीं कई शिकायत करता तो शिकायत करके थक चुके हैं इसके बावजूद भी परिवहन कार्यालय के अंदर रिश्वतखोरी दलाली का गोरख धंधा रुकने की बजाय और तेजी से फल फूल रहा है सरकार और अधिकारी जब जागते हैं जब कोई सड़क पर बड़ी दुर्घटना होती है गुना की पूर्व क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी और मौजूदा समय में परिवहन उपआयुक्त मधु सिंह पर बड़ी कार्रवाई सामने आई हैं। ग्वालियर में पदस्थ ट्रांसपोर्ट विभाग की डिप्टी कमिश्नर मधु सिंह के खिलाफ भादवि की धारा 420, 467, 471, 197,198, 463,465 के तहत केस दर्ज किया गया हैं। मधु सिंह वर्तमान में परिवहन उपायुक्त हैं। वह गुना के बाद, शिवपुरी, मुरैना में भी पदस्थ रही। इस दौरान वह कई तरह के विवादों में घिरी रही। मधु सिंह पर रिश्वतखोरी, अवैध रजिस्ट्रेशन सहित गंभीर आरोप लग चुके है। सीएम डॉ मोहन यादव के पास भी इसकी शिकायत पहुंची थी जिसके बाद यह पूरी कार्रवाई सामने आई हैं।