मामा ने 4 साल की भांजी का बलात्कार करके उतारा मौत के घाट
मंदसौर | 4 साल की मासूम भांजी के साथ बलात्कार व हत्या करने वाले मामा को न्यायालय द्वारा अंतिम सांस तक जेल की सजा सुनाई है। यह फैसला माननीय विशेष न्यायाधीश महोदय पाक्सो एक्ट मंदसौर द्वारा सुनाया गया।
अंतिम सांस तक जेल में रहेगा दरिंदा कंस मामा
18 वर्षीय बल्लू उर्फ बलराम लालुराम भील निवासी डोडियामीणा थाना वायडीनगर, जिला मंदसौर को चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने का दोषी पाते हुए धारा 363 भादवि में तीन वर्ष का सश्रम कारावास व एक हजार रुपये जुर्माना, 366 भादवि में तीन वर्ष का सश्रम कारावास व एक हजार रुपये जुर्माना, 376(ए) भादवि में आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवनकाल तक) व एक हजार रुपये जुर्माना, 302 भादवि में आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवनकाल तक) व एक हजार रुपये जुर्माना, 201 भादवि में पांच वर्ष का सश्रम कारावास व एक हजार रुपये जुर्माना एवं धारा 5एम/6 पाक्सो एक्ट में आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवनकाल तक) व एक हजार रुपये जुर्माना, धारा 5एन/6 पाक्सो एक्ट में आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवनकाल तक) व एक हजार रुपये जुर्माना से दंडित किया है।
विशेष न्यायाधीश महोदय पाक्सो एक्ट मंदसौर ने दुष्कर्म और हत्या के आरोपित को सजा सुनाई
मासूम की मां अपने मायके होली का त्योहार मनाने आई थी आरोपी बल्लू अपनी भांजी को होली दहन दिखाने के बहाने घर से एकांत में ले गया था और कुरकुरे चिप्स का लालच देकर मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी की घटना को पंजाब दिया बच्ची की चीखें सुनकर भयभीत हो गया अपने घुटने को मासूम के गर्दन पर रखकर उसकी जान ले ली बच्ची को झाड़ियों में ही छोड़कर वापस अपने घर आया और परिजनों के साथ मासूम बच्ची की तलाश करने लगा फरियादी के भाई ने सभी जगह तलाश किया वह नहीं मिली। बालिका बाबूभाई के बाड़े के पास नग्न अवस्था में पड़ी मिली। उसके सिर पर चोट थी। उसे टेम्पो में लेकर मंदसौर अस्पताल लाए, जहां पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
अनुसंधान के दौरान संदिग्ध बल्लू उर्फ बलराम को गिरफ्तार किया गया पूछताछ में बताया कि उसने पानी की टंकी के पास पीड़िता के साथ गलत काम किया और उसे मार कर बाबू के बाड़े में फेंक दिया था। प्रकरण में संपूर्ण विवेचना वायडी नगर थाना प्रभारी जितेन्द्र पाठक द्वारा की गई थी। अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। विचारण के बाद न्यायालय द्वारा दोषी को सजा सुनाई गई। प्रकरण में अभियोजन का सफल संचालन जिला अभियोजन अधिकारी निर्मलासिंह चौधरी एवं विशेष लोक अभियोजक दीप्ति कनासे द्वारा किया गया।
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