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चोर को बचाने के लिए पत्रकार की पुलिस ने चढ़ाई

 


स्वतंत्र पत्रकारिता पर भ्रष्टाचारी लगा रहे हैं पहरा


होशंगाबाद जिले के सोहागपुर थाना क्षेत्र में चोरी के संबंध में कवरेज करना अधिमान्य पत्रकार वाजिद खान को महंगा पड़ गया है सुहागपुर थाना पुलिस ने आनन-फानन में चोरी के शक में कवरेज कर रहे तीन पत्रकारों को गिरफ्तार कर एफ आई आर दर्ज कर दी है पत्रकारों पर एफ आई आर के बाद से जनता के बीच में लगातार चर्चा बनी हुई है कि चोरी का माल खरीदने वाले जैकी अंसारी ने पुलिस से साठगांठ करके पत्रकारों को ही सलाखों के पीछे भिजवा दिया है सुहागपुर पुलिस ने भी मामले की बिना जांच करें अधिमान्य पत्रकार वाजिद खान पर आनन-फानन में f.i.r. करने में थोड़ा भी समय नहीं गमाया जबकि गृह विभाग द्वारा अधिमान्य पत्रकारों पर एफ आई आर करने एवं गिरफ्तार करने पर कुछ नियम भी बनाए गए लेकिन सोहागपुर थाना पुलिस ने सभी नियम को दरकिनार कर पत्रकार को मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा अपराधी मानकर मामला दर्ज करके बदनाम कर दिया है इसी संबंध में मध्य प्रदेश मीडिया संघ के प्रदेश अध्यक्ष जयवंत ठाकरे ने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को ज्ञापन देकर निष्पक्ष जांच की मांग की है साथ ही साथ थाना प्रभारी एवं f.i.r. करने वाले पुलिस कर्मचारी को भी तत्काल प्रभाव से हटा कर पूरे मामले की उच्च अधिकारी द्वारा जांच करने की मांग की है मध्य प्रदेश मीडिया संघ ने अपने ज्ञापन में स्पष्ट रूप से गृह विभाग वल्लभ भवन के आदेशों का भी उल्लेख किया है मध्यप्रदेश में इन दिनों पत्रकारों पर आनन-फानन में मामले दर्ज करके भ्रष्टाचार एवं भ्रष्ट अधिकारियों को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है लगातार किसी न किसी रूप में पत्रकार इन भ्रष्ट अधिकारियों के सिस्टम के कारण अपनी पत्रकारिता छोड़ने पर मजबूर किए जा रहे हैं अभी हाल ही में कई ऐसे पत्रकारों पर भी अपराध दर्ज किए गए हैं जिसकी जांच शक के घेरे में आती है अगर पुलिस द्वारा जांच करके एफ आई आर दर्ज की जाए तो वह लोग भी बराबर के अपराधी साबित होंगे जो पत्रकारों पर आरोप लगाते हैं कि उनके द्वारा पत्रकार को ऑडी बाजी के रूप में लाखों रुपए दिए गए हैं आजकल वरिष्ठ अधिकारियों के लिए एक चलन सा चल गया है कि किसी भी प्रकार पर अली डालने एवं खबर ना छापने के एवज में पैसे मांगने का आरोप लगाकर स्वतंत्र पत्रकारिता का गला ही घोट दिया जाता है और अधिकारी भी इस खोखले सिस्टम का पूरा फायदा उठा रहे हैं ताकि उन भ्रष्ट अधिकारियों का भ्रष्टाचार किसी पत्रकार द्वारा उजागर नहीं किया जाए अगर पत्रकार पर इस तरह के मामले दर्ज होते जाएंगे तो समाज में आम जनता की आवाज उठाने वाले पत्रकार अपनी पत्रकारिता छोड़ने पर मजबूर हो जाएंगे पत्रकारिता ही वह सिस्टम है जिस कारण से समाज में कुछ भ्रष्ट लोगों पर अंकुश लगाया जाता है अरे भ्रष्टाचार जड़ से मिटाना है तो किसी भी पत्रकार पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करने से पहले मामले की गंभीरता से जांच हो इसके बाद ही एफ आई आर दर्ज होनी चाहिए जिससे पत्रकारिता का स्टार अपराधियों की श्रेणी में ना आए कई राज्यों में राज्य सरकारों ने पत्रकार सुरक्षा कानून लागू कर दिया है लेकिन मध्यप्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून तो दूर पत्रकारों की ठीक से सुनवाई भी नहीं की जाती है