GST के बिना सादे कागज पर पंचायतों में हो रहा है लाखों का भुगतान
इकबाल खान 7999986917
भोपाल । सरकार द्वारा पंचायतों में किए जा रहे भुगतानों में पारदर्शिता लाने के लिए चाहे कितने भी प्रयास क्यों न किए गए हों, लेकिन सरपंच-सचिवों की मिलीभगत से उसमें कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार के रास्ते निकाल ही लिए जाते हैं। तमाम नियमों के बावजूद पंचायतों द्वारा खुलेआम बिना टिन नंबर एवं जीएसटी नंबरों के बिलों पर लाखों का भुगतान किया जा रहा है जिससे शासन को जहां एक ओर लगातार राजस्व की क्षति हो रही है। पूरे मामले में कहीं न कहीं अधिकारियों की भी लापरवाही सामने आ रही है, जो शिकायतों के बावजूद फर्जी बिलों पर हजारों-लाखों का भुगतना करने वाले सरपंच सचिवों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जिससे सरपंचों के कार्यकाल के अंतिम चरण में पंचायतों में जमकर भ्रष्टाचार एवं फर्जीवाड़ा हो रहा है। आश्चर्य तो इस बात का है कि बिलों का भुगतान भी हो रहा है, लेकिन इसकी खबर अधिकारियों को भी नहीं है। मामला जनपद पंचायत फंदा की ग्राम पंचायत कुठार का है, यहां पर सरपंच-सचिव द्वारा फर्जी बिल लगाकर शासन की राशि को चूना लगा रहे हैं। इस पंचायत में प्रीतम सिंह जाट को भूसे के नाम पर 7/9/2020 33600 का 11/9/2020 में 12900 का 24/11/2020 58184 का 15/3/2021में 66000 का 12/8/2021 में 57000 का 7/10/ 2021 में 70200 का एवं 7/ 10/ 2021 में फीर 58200 रुपये का जिसमें न तो टीन नंबर और न जीएसटी है वही जब जांच की गई तो सामने आया कि जिन वाहनों से कुठार पंचायत में भूसा पहुंचाया गया था उनमें से दो वाहन परिवहन की वेबसाइट में अभी तक रजिस्ट्रेशन ही नहीं हुआ MP04KJ0317 एवं MP04LF6218 इन दोनों नंबर किसी ट्रैक्टर के बताए जा रहे हैं जो परिवहन कार्यालय में रजिस्ट्रेशन नहीं होना कहीं ना कहीं दर्शाता है कि भूसा खरीदी के नाम पर सरपंच सचिव द्वारा बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है 1 से लेकर 7 तक बिल लगाकर लाखों रुपए का भुगतान गौशाला में भूसे के लिए प्रीतम सिंह जाट को किया गया है पंचायत में जब इस संबंध में लोगों से चर्चा की गई तो नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया गया कि सरपंच सचिव एवं गौशाला में भूसा खरीदी के नाम पर इसी तरह के फर्जी बिल लगाकर लाखों का हेरफेर किया जा रहा है पंचायत में लगने वाले सादे कागज पर फर्जी बिलों के संबंध में जब भी किसी जिम्मेदार अधिकारी से चर्चा की जाती है तो उनका अक्सर एक ही जवाब मिलता है कि मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है मैं जांच करवाता हूं लेकिन आज तक सिर्फ जांच के नाम से अधिकारी जवाब देने से बचते नजर आते हैं लेकिन जानकारी प्राप्त होने के बाद भी इस तरह के बिल पंचायतों में बिना रोक-टोक के लग रहे हैं इनके जवाब से ऐसा प्रतीत होता है कि या तो इनकी मिलीभगत से इस तरह के कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है या फिर इनकी एक बड़ी लापरवाही के कारण सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है
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