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पंचायतों में फोटोकॉपी स्टेशनरी के नाम से सरपंच सचिव ने लाखों के लगाएं बिल

शिव शक्ति प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी के 259 बिल पर 25 से ₹30 लाख का हुआ भुगतान

 भोपाल । जनपद  बेरसिया क्षेत्र की पंचायतों में फोटोकॉपी प्रिंटर एवं स्टेशनरी कार्यों के नाम पर कच्चे फर्जी बिल लगाकर जमकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। केवल कच्चे बिल के माध्यम से सरपंच-सचिव द्वारा राशि निकालकर शिव शक्ति प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी को फिक्स कमीशन देकर मौके पर गड़बड़ी कराया जा रहा है। शिव शक्ति प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी भी कमीशन के लालच में शासन को टैक्स का चूना लगाकर लाखों रुपए का लेनदेन कर रहे हैं। पंचायतों में चल रहे इस फर्जीवाड़े की जांच की जाए तो बड़ा खुलासा हो सकता है। इधर जनपद पंचायत के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा भी बिलों के भुगतान में अनदेखी कर किसी तरह की आपित्त ना लेने से शासन को हर माह टैक्स के रूप में मिलने वाली राजस्व की हानि हो रही है।


पंचायतों में जीएसटी की प्रक्रिया को धता बताकर निर्माण भुगतान किया जा रहा है। पंचायतें निर्माण कार्य के बाद ऐसे सप्लायर को बिलों का भुगतान कर रहे हैं जिनके पास जीएसटी नंबर तक नहीं हैं। और शिव शक्ति फोटो कॉपी एवं स्टेशनरी पंचायत में ऐसे फर्जी बिल दे रहे हैं जिसकी पात्रता में वह नहीं आते। एकल सत्य समाचार के पास कई पंचायतों में निर्माण कार्यों के नाम किए गए भुगतान के ऐसे बिल मौजूद हैं जिनमें लाखों रुपए का भुगतान शिव शक्ति फोटो कॉपी स्टेशनरी के खातों में किया गया है। पंचायतों में जिस तरह से फर्जी बिलों के माध्यम से राशि निकाली जा रही है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पंचायतों में होने वाला ऑडिट किस तरह से हो रहा है और ऐसे भुगतानों पर ऑडिट में भी कोई आपित्त नहीं ली जा रही है। जनपद पंचायत के अंतर्गत ऐसे कई मामले हैं जिनमें सरपंच और सचिवों ने राशि निकालने के बाद भी निर्माण कार्य नहीं कराया।

किसी भी सप्लायर्स को साम्रगी के लिए लायसेंस, जीएसटी नंबर सहित अन्य प्रक्रिया अपनानी जरूरी है, उसके बाद ही वह सामग्री की सप्लाई कर सकता है, लेकिन जनपद बेरसिया में ऐसे सैंकड़ों सप्लायर्स हैं जो पंचायतों में फर्जी बिलों की आड़ में हर साल लाखों रुपए का कारोबार कर रहे हैं। कारोबार के नाम पर हाथ में उनके कुछ नहीं है, लेकिन बिल के नाम पर वह लोहा, रेत से लेकर गिट्टी, सीमेंट और ईंट तक के बिल पंचायतों को दे रहे हैं। जो सप्लायर्स पंचायतों को केवल बिल देते हैं वह फर्जी बिल के रूप में कमीशन वसूलते हैं। इधर सप्लायर्स भी फर्जी बिल से शासन को टैक्स का नुकसान कर चपत लगा रहे हैं।


भरोसेमंद सप्लायर ढूंढते है सरपंच सचिवशिव शक्ति प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी जैसे लोग लाखों का ले रहे हैं कच्चे बिल पर भुगतान


 सूत्रों की माने तो सरपंच और सचिव पंचायत में किसी भी चीज की  खरीदी के लिए भरोसेमंद सप्लायर को ढूंढ़ते हैं। जो उनकी सुविधा अनुसार बिल लगाकर दे। उस बिल के आधार पर सप्लायर्स को भुगतान किया जाता है। भुगतान के बाद सरपंच, सचिव राशि वापस ले लेते हैं, क्योंकि कुछ पंचायतों के निर्माण कार्य कागजों में ही पूरे होते है जमीनी हकीकत कुछ और होती है पर नहीं। इसीलिए हर पंचायत अलग-अलग फर्जी फर्म भी बनाती है।

पंचायतों में काम करने वाली ऐसी फर्म भी जो मजदूर भी उपलब्ध कराती है

बेरसिया जनपद पंचायत की ऐसी कोई पंचायत नहीं होगी, जिसमें फर्म के साथ-साथ मजदूरी नहीं की हो। शिव शक्ति प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी ने 2020-21 में 259 बिल लगाकर 30 लाख के आसपास का भुगतान प्राप्त किया है जिसमें से कुछ ऐसे बिल पाए गए हैं जो मोरम चौकीदार एवं अन्य खर्चों में है और उन पर नाम किसी और का लिखा हुआ है लेकिन उन बिलो की राशि का भुगतान शिव शक्ति प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी के खाते में हुआ है जो जांच का विषय है


जनपद बेरसिया के कुछ कर्मचारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया है कि सरपंच सचिव द्वारा शिव शक्ति प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी संचालक से मिलीभगत कर हजार ₹500 का काम करवाने पर भी 10 / 15 हजार के लिए जाते हैं और वह पैसा शिव शक्ति प्रिंटिंग के अकाउंट में आने के बाद कुछ कमीशन दे कर पूरा वापिस ले लेते हैं इसलिए बेरसिया जनपद की अधिकतर पंचायत शिव शक्ति फोटोकॉपी एवं स्टेशनरी के बिल लगाती है क्योंकि यह दुकान संचालक अधिकतर सरपंच सचिवों के संपर्क में रहते हैं और तो और कई बार बिना किसी कार्य के भी सरपंच सचिव को यहां से बिल मिल जाते हैं

इनका कहना है 

पंचायतों में लगाए गए बिलों के संबंध में इनसे लेनी चाहिए जानकारी तो व्यस्त होने का दिया हवाला

हमारी दुकान रजिस्टर्ड है इसके अलावा इनके द्वारा लगाए गए मोरम एवं चौकीदार के बिल के संबंध में जब जानकारी लेनी चाही तो व्यस्त होने का कहकर फोन काट दिया दुकान संचालक ने बोला कि में आपसे बाद में बात करता हूं


शिव शक्ति प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी संचालक