सोशल मीडिया के विवाद पर छात्र की निगरानी बदमाश में चाकू से गोदकर की हत्या
भोपाल के अशोका गार्डन इलाके में निगरानी बदमाश रोहित कबाड़ी ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर छात्र की हत्या कर दी। युवक के गले में चाकू से दो हमले किए गए हैं। घटना गुरुवार रात करीब साढ़े दस बजे उस दौरान हुई जब छात्र अपने साथियों के साथ गणेश प्रतिमा लेकर आ रहा था। हत्या की वजह सालभर पहले सोशल मीडिया पर हुआ विवाद सामने आया है। आरोपियों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है।
अशोका गार्डन पुलिस के अनुसार वार्ड-69 अशोका गार्डन निवासी आयुष चौहान पिता गुलाब सिंह चौहान (18) ए-227 न्यू अशोका गार्डन में रहता था। इसी साल उसने 12वीं पास किया था। आयुष के पिता शासकीय कर्मचारी हैं। आयुष चौहान का सालभर पहले कुणाल रावत से विवाद हुआ था। विवाद सोशल मीडिया पर कुणाल के खिलाफ कोई मैसेज पर लाइक करने या शेयर करने को लेकर हुआ था। दोनों में हाथपाई भी हुई थी, लेकिन कुछ लोगों के हस्तक्षेप के बाद दोनों का समझौता हो गया था
गुरुवार रात करीब साढ़े दस बजे आयुष बाबा चौराहे से परिहार चौराहे की तरफ दोस्तों के साथ गणेश झांकी लेकर आ रहा था। इसी बीर रोहित कवाड़ी, कुणाल समेत उसके दोस्त गणेश झांकी के साथ बाबा चौराहे की तरफ जा रहे थे। इसी बीच दोनों के बीच पुरानी बात को लेकर कहासुनी हो गई। इस पर कुणाल रावत, बृजेश शर्मा, मयूर डैनी, रोहित कवाड़ी ने गले, पीठ पर चाकू से हमला कर दिया। इसके अलावा रोहित कवाड़ी समेत अन्य आरोपियों ने उस पर हमले किए। हमले में आयुष की मौके पर मौत हो गई। आयुष के पिता सिंचाई विभाग में विभाग में पदस्थ हैं। कुणाल के पिता 80 फीट रोड पर दुकान चलाते हैं।
घटना के चश्मदीदों ने बताया कि गणेश झांकी ले जाने के दौरान सभी लोग डांस कर रहे थे। इसी बीच कुणाल और आयुष मिले। आयुष ने उसे गले लगाया। फिर दोनों साथ में डांस करने लगे। इसी बीच कुणाल ने उस पर चाकू से हमला कर दिया। इसके बाद रोहित कवाड़ी ने हमला कर दिया। पुलिस का मानना है कि आरोपी पहले से ही हत्या की प्लानिंग कर निकले होंगे।
समय पर इलाज नहीं मिलने से हुई युवक की मौत
आयुष के परिवार की ओर से बताया कि चाकू लगने के बाद आयुष जीवित था उसे अशोका गार्डन सब्जी मंडी के पास एक निजी अस्पताल पर लेकर गए। जहां, हालत गंभीर बताकर डाक्टरों ने इलाज करने से मना कर दिया। पटा लो के चक्कर काटने में करीब 1 घंटे का वक्त बर्बाद हुआ। बाद में हमीदिया लेकर पहुंचे। तब तक आयुष की मौत हो चुकी थी।
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