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खाद विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से टूट सकता है PM नरेंद्र मोदी का सपना


खाद वितरण मंडार पर अधिकारियों की लापरवाही या फिर भ्रष्टाचार


भोपाल । कोरोना वायरस जैसी गंभीर परिस्थिति से जूझ रहे भारत के लिए सबसे गंभीर परिस्थिति बनता जा रहा है लॉक डाउन के कारण लोगों का पेट भरना केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों ने लॉक डाउन की परिस्थिति को देखते हुए लोगों को राहत सामग्री मोहिया कराने के लिए कई प्रयास कर रखे हैं इनमें से सबसे महत्वपूर्ण है राशन वितरण सामग्री जिसके कारण लॉक डाउन में लोग भुखमरी का शिकार ना हो सके वहीं इस राशन वितरण जैसी योजना में भी खाद विभाग के अधिकारी लापरवाही या फिर भ्रष्टाचार करने से बाज नहीं आ रहे हैं केंद्र सरकार ने हर व्यक्ति को आधार एवं समग्र आईडी के माध्यम से भी राशन मुहैया कराने का जिम्मा खाद विभाग को सौंप रखा है इसके लिए कई योजनाएं भी चलाई जा रही है परंतु जरूरतमंदों तक खाद वितरण भंडार से पूरी तरह राशन सामग्री नहीं पहुंच रही है कहीं पर खाद वितरण भंडार द्वारा मनमानी करके गरीब एवं मजदूर को परेशान किया जा रहा है तो कहीं पर 10 किलो आटे के नाम पर 2 से 3 किलो आटा पैकेट में कब निकल रहा है इसी तरह की गड़बड़ी एवं लापरवाही की भोपाल में भी कई जगह सामने आ चुकी है कि लोग अब  राशन नहीं मिलने के कारण  सड़कों पर आने लगे हैं  और करो क्षेत्र में  हाल ही में  भुखमरी के कारण  एक व्यक्ति ने आत्महत्या भी  कर ली खाद वितरण भंडारों द्वारा लगातार मनमानी की शिकायतें सामने आई है लेकिन खाद विभाग के अधिकारियों की कुंभकरण की नींद लोगों के लिए मुसीबत का कारण बनती जा रही है जिम्मे सबसे ज्यादा खाद विभाग की जिम्मेदार अधिकारियों का नाम चर्चा का विषय बना हुआ है ज्योति नरवरिया एवं उनके द्वारा फूड इंस्पेक्टरों की भी एक बड़ी लापरवाही सामने आ रही है कि समय पर उपभोक्ता भंडारों की जांच नहीं करना एक बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है उपभोक्ता भंडारों पर एवं कालाबाजारी की लगातार खबरें प्रकाशित होने के बावजूद अभी तक खाद विभाग अधिकारियों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है और तो और खाद विभाग की अधिकारी ज्योति नरवरिया जिनको खाद विभाग द्वारा एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप गया है  लापरवाही के कारण  चर्चा का विषय बनी रहती है इन जिम्मेदार अधिकारियों की वजह से भी लोग भुखमरी के शिकार हो रहे हैं बीपीएल परिवार एवं आधार कार्ड और समग्र आईडी जैसे दस्तावेजों से राशन वितरण किए जाने के आदेश है इसमें भी गरीबों को मिलने वाले राशन में बड़े भ्रष्टाचार होने की आशंका जताई जा रही है विभाग  अधिकारियों द्वारा उपभोक्ता वितरण भंडारों की समय-समय पर जांच हो तो गरीबों को हक मिल सकेगा एवं एक बड़े भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगाया जा सकता है