प्रशासनिक कार्यवाही से बेखौफ होकर कर रहे मिलावट
भोपाल । त्यौहारों का आगमन लोगों के मन और मष्तिष्क को ऊर्जा से भर देता है, और बात होली जैसे रंगारंग त्यौहार की हो तो कहने ही क्या ? गुजिया, पपड़ी, नमकीन, लड्डू मिठाइयां और न जाने कितने प्रकार के व्यंजनों का खयाल आते ही जेहन में उत्साह और ज़ुबान पर मिठास छा जाती है । लेकिन भोपाल शहर में मिलने वाली खाद्य सामग्री में मिलावटी पदार्थों की मात्रा अधिक होने से त्यौहारों का जायका खराब भी हो सकता है, जी हां भले ही प्रशासन के सख्त आदेश हों या खाद्य अधिकारियों द्वारा निरंतर की जा कार्यवाहियां हों इन मिलावटी माल बेचने वालों की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा । आलम यह है कि होली पर खाद्य सामग्री की खपत बढ़ते ही मिलावटखोरों ने बेसन में भी गोलमाल करने के तरीके इज़ाद कर लिए हैं, मिलावटी बेसन तैयार करने वालों द्वारा चने की दाल में चावल मिलाकर पीसा जा रहा है, यह अलग बात है कि चावल भी खाद्य सामग्री है लेकिन शुद्ध बेसन के नाम पर लोगों को मिलावटी बेसन देना आम आदमी की जेब पर डाका और भावनाओं से खिलवाड़ न कहा जाए तो क्या कहा जाए ।
मिठाइयां बनाते समय नहीं रख रहे स्वच्छता का ध्यान
पुराने शहर में संचालित होने वाली कई दुकानों में स्वच्छता को दरकिनार करते हुए मिष्ठान तैयार किये जा रहे हैं, एक ओर कोरोना वायरस के प्रकोप से बचाव हेतु लोगों से बार बार हाथ धोने व हाथ मिलाने की जगह नमस्ते पर ज़ोर दिया जा रहा है वहीं दूसरी ओर इन होटलों में अस्वच्छ वातावरण में कारीगरों द्वारा मिठाइ तैयार की जा रही है ।
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