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थाने से चंद कदमों की दूरी पर चोरों ने दिया वारदात को अंजाम

पान की गुमटी को तोड़कर नकदी सहित हज़ारों के माल पर किया हाथ साफ


भोपाल । एक तरफ पुलिस विभाग के आला अधिकारी शहर में कानून व्यवस्था बनाये रखने की कवायदों में रात दिन एक कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर थाना छोला मंदिर से मात्र कुछ ही कदमों की दूरी पर चोरों ने वारदात को अंजाम देकर पुलिस के सामने खुली चुनौती पेश की है । आपको बता दें कि टिम्बर मार्केट छोला निवासी फरियादी जागेश्वर सोनी छोला रेल्वे फाटक के समीप पान की गुमटी संचालित कर अपने परिवार को पाल रहे हैं, विगत 13 फरबरी की रात से 14 फरबरी की सुबह के बीच चोरों ने उनकी दुकान में सेंधमारी कर हज़ारों का माल उड़ा दिया । जागेश्वर सोनी के अनुसार चोरों ने पहले गुमटी में लगी लोहे की चादर को काट कर फिर लकड़ी के पटिये और प्लाई को तोड़ कर इस घटना को अंजाम दिया, फरियादी ने बताया कि उनकी दुकान से विभिन्न कंपनियों के गुटखे व महंगी सिगरेटों सहित लगभग सात हजार रुपए का सामान चोरी हुआ है ।


चिल्लर भी नहीं छोड़ी चोरों ने
गुमटी मालिक जागेश्वर के अनुसार दुकान से सामान के अलावा लगभग चार हज़ार रुपये भी चोरी हुए हैं, यहाँ तक कि चोरों ने गुमटी में चिल्लर (सिक्कों) तक चुरा ली । फरियादी ने घटना के विषय मे जानकारी लगते ही दुकान पहुंच कर नुकसान का जायज़ा लेकर थाना छोला मंदिर में घटना संबंधी आवेदन देकर कार्यवाही की गुहार लगाई है ।


क्षेत्र में पनप रही नए बदमाशों की पौध
पुराने शहर का छोला क्षेत्र अपराध की नर्सरी बनता नज़र आ रहा है नाबालिग और नए बदमाशों की फौज यहाँ दिखाई देती है, हाल ही में घटित कुछ घटनाओं पर यदि गौर किया जाए तो गंभीर से गंभीर अपराधों में भी नाबालिगों की संलिप्तता पाई गई है । तेज़ी से बढ़ रहे अपराधों में नाबालिगों का सक्रीय रूप से  सम्मिलित होना कहीं ना कहीं पूरे क्षेत्र के साथ पुलिस प्रशासन के लिए भी चुनौती बना हुआ है, इनकी वारदातों के तरीकों पर यदि गौर किया जाए तो ऐसा प्रतीत होता है जैसे यह किसी विद्यालय से प्रशिक्षित होकर इन वारदातों को अंजाम दे रहे हैं । कुछ दिनों पहले ही रेलवे पटरी पर एक शव क्षत विक्षत स्थिति में पाया गया था जिसकी तफ्तीश में यह तथ्य उजागर हुआ था कि उसकी हत्या कर पटरी पर फेंका गया है जिसमें नाबालिग भी सम्मिलित थे । वही थाने के ठीक पीछे सटे दशहरे मैदान की यदि बात की जाए तो यहां नाबालिगों द्वारा अजनबीयों और राहगीरों से  लूटपाट करना आम बात हो चली है । इनका मुख्य लक्ष्य मेहनत मजदूरी कर घर लौटने वाले वे लोग होते हैं जो नशे में होते हैं, नशे में इनके साथ लूटपाट करना भी आसान होता है, और इनके द्वारा शिकायत लेकर थाने जाने पर भी पुलिस अधिकारी नशे में होने का हवाला देकर पीड़ितों को चलता कर देते हैं यह भी एक प्रमुख कारण है। इन अपराधियों पर लगाम न लग पाने का ।