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नोटबंदी के कारण परिवहन कार्यालय में बड़ा रिश्वत का रेट

परिवहन कार्यालय में रिश्वत का मीनू कार्ड हुआ तैयार


भोपाल । क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में आए दिन रिश्वतखोरी की घटनाओं से सबक नहीं ले रहे हैं परिवहन के आला अधिकारी, रिश्वतखोरी का आलम यह है कि नोटबंदी में बाबू द्वारा काली कमाई करके जो पैसे एकत्रित किये गए थे पर उनके पास कोई हिसाब नहीं होने के कारण अधिकतर रिश्वतखोर एवं भ्रष्ट बाबुओं और कर्मचारी को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ा था । इसके चलते परिवहन कार्यालय में रिश्वत का रेट बढ़ा देने का मामला सामने आ रहा है जिस कार्य की रिश्वत राशि निर्धारित ₹200 की गई थी उसका ₹250 कर दिया गया है और कभी कार्यों के इसी प्रकार रेट बढ़ा दिए  गए हैं वहीं श्याम यादव द्वारा ₹700 लिया जाता था अब इस राशि को बढ़ाकर ₹1000 कर दिया गया है । ऐसे ही परिवहन कार्य क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कई कार्यों की रिश्वत राशि को बढ़ाने का मामला बताया जा रहा है रिश्वत के गोरखधंधे में चपरासी से लेकर आला अधिकारी तक शामिल है । रिश्वतखोरी की शिकायत मिलने के बाद भी परिवहन विभाग में किसी भी बाबू या अधिकारी पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होना प्रमाणित करता है कि इस रिश्वतखोरी के गोरखधंधे में आला अधिकारियों की भी खुल्लमखुल्ला मिलीभगत है । वही श्याम बाबू भी भाइयों के साथ  मिलकर  परिवहन क्षेत्र में  रिश्वत की गंदगी फैला रहे हैं परिवहन क्षेत्र में एजेंट का कार्य करने वाले एक व्यक्ति ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर कई चौकाने वाले राज खोले हैं, नाम नहीं छापने की शर्त पर एजेंट द्वारा बताया गया के श्याम यादव अपने भाई पप्पू यादव एवं जगमोहन यादव और एक अन्य व्यक्ति विनोद यादव द्वारा रिश्वत की कमाई खुल कर कर रहे हैं । और तो और कई वर्षों से परिवहन क्षेत्र में जमे रहने के लिए एक ऊपर तक एक लाख रुपये महीना पहुंचा रहे हैं इससे यह भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि जो व्यक्ति एक लाख रुपए महीना अधिकारियों तक पहुंचा रहा है वह कितना कमा रहा होगा ? लेकिन कई प्रसिद्ध समाचार पत्रों में भी खबर प्रकाशित होने के बाद रिश्वतखोर अधिकारी कर्मचारियों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होना इस बात का प्रतीक है कि परिवहन के भ्रष्टाचार में आला अधिकारियों की भी मिलीभगत शामिल है ।