Hot Posts

6/recent/ticker-posts

मध्य प्रदेश सरकार का पत्रिका संचालकों के लिए तानाशाही फरमान

जी एस टी को लेकर कांग्रेस सरकार का सौतेला व्यवहार आखिर क्यों ?


समाचार पत्र-पत्रिका संचालित करने वाले छोटे और मंझोले पत्रकारों पर शिकंजा कसता नया नियम कहीं सरकार और प्रशासन के गले की फांस न बन जाये । कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए तानाशाह नियम जिसमें स्याही और कागज तक का बिल बाउचर  सहित जीएसटी भी चाहिए,  लेकिन वही पंचायतों में करोड़ो रुपए के बिल बिना जीएसटी पर पास हो रहे हैं । अब यह बात समझ से परे है कि पंचायतों में  भ्रष्टाचार की चरम सीमा को लांघते हुए बिना जीएसटी एवं सादे कागजों पर बिल लगाकर विकास कार्यों के लिए मिलने वाली शासकीय राशि के बड़े हिस्से को गबन करने का खुलासा कई बार होने के बावजूद शासन प्रशासन मौन क्यों है? क्या सरकार को यह नहीं समझना चाहिए कि 15000 का विज्ञापन देने के लिए इतने सारे नियम लागू  करना, कितना सही और कितना गलत है । केंद्र तथा प्रदेश सरकार की योजनाओं में लाखों रुपए का गबन सरपंच, सचिव, ठेकेदार व शासकीय अधिकारी सादे कागज के टुकड़ों पर राशि जारी कर कर रहे हैं । पंचायतों में चल रहे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के बजाय मीडिया पर लगाम लगाने की फिराक में नज़र आ रही सरकार आखिर चाहती क्या है ?