इनकी कारगुजारियों के किस्से लोगों की ज़ुबान पर, बदनाम हो रहा RTO विभाग
भोपाल । मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने एक अरसा बीत चुका है, इस दौरान भारी संख्या में तबादलों का दौर भी चला और सुशासन की दृष्टि से अपने विश्वस्तों को जिम्मेदारी देने का भी । हालांकि थोक में हुए तबादलों से विभागों की शक्ल ओ सूरतें भी बदली नज़र आयी जिसके बाद जनहित के कामों को निस्वार्थ गति मिलने की उम्मीदें भी लोगों के जेहन में बनने लगीं । इतना सब होने के बाबजूद भी अपने अनूठे कारनामों के लिए विख्यात भोपाल क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय पर रत्ती भर फर्क देखने को नहीं मिला, पूर्व समय की तर्ज़ पर आरटीओ कार्यालय भोपाल में परिवहन विभाग, परिवहन मंत्री के साथ साथ कांग्रेस सरकार को बदनाम करने का षडयंत्र बदस्तूर जारी है । नाम न छापने की शर्त पर सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अपनी रिश्वतखोरी से कमा कर आला अधिकारियों में एक लाख रुपए हर माह बांटने वाले बाबू श्याम यादव व उनके दो भाइयों ने आरटीओ कार्यालय में अपना सिंहासन पुख्ता कर लिया है, इनकी कार्यप्रणाली पर सवालों और आरोपों की फेहरिस्त बड़ी लंबी है लेकिन ये श्याम यादव वही हैं जो कई बार रिश्वतखोरी करते बेनकाब हो चुके हैं । कभी खुलेआम रिश्वत की मलाई चाटते इनके वीडियो वायरल होते हैं तो कभी अवैध लेनदेन करते हुए इनकी फ़ोटो अखबारों की सुर्खियों में छाई रहती है । एक ओर बाबू श्याम यादव की हरकतों से परिवहन विभाग पर तोहमतों का पुलिंदा लद गया है वहीं दूसरी ओर इनके दो भाई भी आरटीओ कार्यालय में बाबुओं के काम निबटा रहे हैं । अब यक्ष प्रश्न यह है कि आरटीओ कार्यालय में ऐसा कौन सा काम है जो इनके भाइयों द्वारा ही किया जा सकता है? जबकि श्याम यादव के भाई शासकीय सेवा में नहीं हैं । दूसरा प्रश्न इससे ठीक विपरीत है कि आरटीओ कार्यालय में ऐसे लोगों को कुर्सी और जगह क्यों दी गयी जो शासकीय सेवा में नहीं हैं , आखिर किस नियम के अंतर्गत यहां श्याम यादव अपने दो भाइयों को उपकृत कर रहे हैं ? इन तीनों भाइयों द्वारा किया जा रहा भ्रष्टाचार अब परिवहन कार्यालय की दीवारों को चीरकर बाहर अपनी उपस्थिति का अहसास करा रहा है, आलम यह है कि बड़े से बड़े रिश्वतखोर भी इनसे प्रेरणा ले रहे हैं । कभी किसी आर टी आई कार्यकर्ता की धुनाई करवाना कभी खुद मीडिया पर हमला कर देना इनकी विशेषता है, यही नहीं आरटीओ के बाहर बैठने वाले दलालों द्वारा भी जमकर चांदी काटी जा रही है, ये दलाल यहां पदस्थ अधिकारियों के पाले हुए गुंडे हैं जो इनकी एक आवाज़ पर किसीसे भी भिड़ जाते हैं । ताज़ा मामला नगर निगम की टीम पर हमला करने का है जिसमे इन दलालों के विरुद्ध प्रकरण भी दर्ज कराया गया है । आरटीओ कार्यालय में पदस्थ लोगों की कारगुजारियों के किस्से लगातार मीडिया की सुर्खियों में बने हुए हैं, जिसके कारण हर खास ओ आम की नज़र मे परिवहन विभाग, और कांग्रेस सरकार के प्रति कड़वाहट घुल रही है ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा शासन से यहां जमे भाजपाई कमाऊ पूत कांग्रेस को बदनाम करने का काम जानबूझकर कर रहे हैं । लेकिन भोपाल आरटीओ के बाबू श्याम यादव व उनके भाइयों की अनैतिक हरकतों को उजागर करती खबरों पर कोई कार्यवाही न होना भी आला अधिकारियों और परिवहन मंत्री की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाता है ।
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