कथाम हेतु कठोर प्रावधानों के बाबजूद भी बन रहीं हैं अवैध कालोनियां
भारत भूषण विश्वकर्मा, की खास रिपोर्ट
भोपाल । मध्य प्रदेश में रेरा को लागू हुए एक अरसा होने के बाद भी बिना अनुमतियों के कृषि भूमि पर प्लाटिंग करने वालों की सेहत पर कोई विशेष फर्क नहीं पड़ा है । कड़े नियम कायदों के बाबजूद भोपाल के ग्रामीण क्षेत्रों में ही सैकड़ों अवैध प्रोजेक्ट रेरा सहित ज़िला प्रशासन के अमले को मुंह चिढ़ाकर चुनौती देते नजर आ रहे हैं ।आलम यह है कि भोपाल के सीमावर्ती विकासशील ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध प्लाटिंग का गोरखधंधा तेज़ी से अपने पैर पसार रहा है, जिसकी रोकथाम के लिए मौजूद ज़िम्मेदार अधिकारियों की लचर कार्यप्रणाली के चलते शासकीय अनुमतियों के बिना ही कृषि भूमि पर कई एकड़ों में अवैध प्लाटिंग धड़ल्ले से जारी है । ताजा मामला ग्राम पंचायत कान्हासैया का है जहां श्री राम नगर के नाम से अवैध कालोनी बिना शासकीय अनुमतियों के बनाई जा रही है ।
बॉक्स 1
प्लाट विक्रेता ने दो टूक कहा "नहीं है कोई अनुमति"
श्री राम नगर कालोनी के प्रचार सामग्री पर अंकित मोबाईल नंबर पर दिनेश ठाकुर नामक व्यक्ति से संपर्क हुआ, बातचीत के दौरान उन्होंने जानकारी दी कि उक्त प्रोजेक्ट 6 एकड़ से अधिक भूमि का है । इसके साथ ही दिनेश ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि श्री राम नगर कालोनी के लिए किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं ली गयी है । दिनेश के अनुसार वे सिर्फ कमीशन पर प्लाट बेच रहे हैं, जबकि प्रोजेक्ट के मालिक चोपड़ा कलां निवासी जोगेंद्र मीना हैं । जिस बेफिक्री भरे अंदाज़ में अवैध कालोनाइजर बात करते हैं उससे यह बात तो स्पष्ट होती है कि उन्हें न किसी नियम कानून की परवाह है और न ही किसी का डर । ऐसी स्थिति में यह सवाल उठता है की इन अवैध कालोनियों पर आखिर नकेल कौन कसेगा । हालांकि कुछ समय पूर्व ही आधा दर्जन से अधिक अवैध प्रोजेक्टों पर स्टे की कार्यवाही की गई है किंतु इसके बाद भी नतीजा ढाक के तीन पात ही है ।
क्या है रेरा
मध्यप्रदेश में रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) की स्थापना 1 मई 2017 को की गई । जिसका उद्देश्य मुख्य रूप से उन अवैध कालोनियों के विस्तार को रोकने का है जो नियमो को दरकिनार कर बनाई जा रही हैं, वर्तमान में अंटोनी डिसा रेरा के अध्यक्ष हैं ।
क्या है रेरा एक्ट
रेरा एक्ट के अंतर्गत रेरा में प्रोजेक्ट पंजीकृत कराने के पूर्व तक प्रोजेक्ट में भूखंड या मकान की बिक्री नही कर सकते, आवासीय प्रोजेक्ट व प्रॉपर्टी बिक्री में सक्रिय सभी एजेंटों का भी रेरा में पंजीयन अतिआवश्यक है । रेरा में पंजीयन कराए बगैर प्रोजेक्ट के विज्ञापन करना भी नियम विरुद्ध है, और तो और प्रोजेक्ट की प्रचार प्रसार सामग्री जैसे पम्पलेट, ब्रोशर आदि में भी रजिस्ट्रेशन नंबर लिखना अनिवार्य किया गया है । नियमोँ का पालन न करने की स्थिति में संबंधित बिल्डर या कालोनाइजर पर अच्छे खासे जुर्माने के साथ प्रोजेक्ट को प्रतिबंधित करने का प्रावधान भी है ।
कहाँ हो रही है अवैध प्लाटिंग
भोपाल के ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध प्लाटिंग का कारोबार चरम सीमा पर है, बैरसिया रोड, विदिशा रोड, अयोध्या बायपास रोड के समीप, नीलबड़, इंदौर रोड आदि पर बिना अनुमति के कई कालोनियां बनायीं जा रही हैं ।
इनका कहना है
समय समय पर अवैध कालोनाइजरों पर कार्यवाही की जाती है, कुछ प्रोजेक्ट्स पर स्टे की कार्यवाही भी की गई है जो आगे भी जारी रहेगी ।
राजेश श्रीवास्तव
एस डी एम, हुज़ूर
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