ग्राम पंचायत आदमपुर छावनी ने लिखा भ्रष्टाचार का नया अध्याय
भोपाल । राजधानी भोपाल के जनपद फंदा की पंचायतों में "अंधेर नगरी चौपट राजा" वाली कहावत सच होती नजर आ रही है, मध्यप्रदेश में निज़ाम के केंद्र भोपाल में आला अधिकारियों की नाक के नीचे भ्रष्टाचारी जमकर मलाई उड़ा रहे हैं । पंचायतों के विकास एवं निर्माण कार्यों में होने वाले भ्रष्टाचार की नई गाथा अब आदमपुर छावनी पंचायत में लिखी गयी गई है, सूत्रों की माने तो यहां सरपंच महोदया के दर्शन दुर्लभ हैं और सरपंच पद के समस्त दायित्व वीरू ठाकुर नामक दबंग व्यक्ति निभा रहा है । पहचान उजागर न करने की शर्त पर लोगो ने बताया कि वीरू ठाकुर क्षेत्र में खासा दबदबा रखता है, पंचायत की सारी रूपरेखा वीरू ही तय करता है उसका प्रभाव इतना है कि उसकी इज़ाज़त के बगैर सरपंच कोई फैसला नहीं ले सकते । आदमपुर छावनी से मिल रही भ्रष्टाचार की शिकायतों के संबंध में चर्चा करने के लिए सरपंच श्रीमती शकुन को फोन लगाया तो उनके पति नेमनारायन से बात हुई, नीलम ट्रेडर्स से बिना जी एस टी बिलों पर निर्माण सामग्री खरीदने पर उन्होंने सफाई देते हुए बताया कि यह किराने की दुकान है । नेमनारायन के अनुसार नीलम ट्रेडर्स सप्लायर हैं जो किराने की दुकान से ही सारी सामग्री सप्लाई करते हैं । अब गौर करने वाली बात यह है कि किसी फुटकर किराना व्यापारी के फ़र्ज़ी बिलों पर समान खरीदी दर्शाने की क्या आवश्यकता थी, और यदि लाखों की निर्माण सामग्री उसी दुकान से ली गयी है तो पक्के बिल पर खरीदी कई नही हुई ? इस सवाल का जवाब ये है कि सरपंच, सचिव व वीरू की मिलीभगत के चलते ही ये बिल पास किये गए हैं । नीलम ट्रेडर्स वीरू ठाकुर की ही संस्था है जिसके बिलों पर लाखों रुपयों का भुगतान किया गया, जिसमे बड़ी रकम के गबन होने की भी आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता । इतनी बड़ी मात्रा में एक ही जगह से फ़र्ज़ी बिलों पर खरीदी करने के विषय मे जब पंचायत सचिव मर्दन सिंह से बात की गई तो उन्होंने अपनी ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए सारा आरोप वीरू ठाकुर व सरपंच पर जड़ दिया, उनके अनुसार "सरपंच ने नीलम ट्रेडर्स के बिल दिए काम चालू कराना था इसीलिए लगा दिए गए । सचिव ने इस संबंध में वीरू ठाकुर से बात कराने की पेशकश भी की । ग्रामीण सूत्रों की मानें तो आदमपुर छावनी पंचायत में हर छोटे बड़े काम का दाम वीरू ठाकुर की मर्ज़ी से तय है, पंचायत क्षेत्र में छावनी पठार स्थित सैकड़ों एकड़ शासकीय भूमि को बेचकर वीरू ठाकुर के साथ सरपंच सचिव ने अकूत संपत्ति अर्जित की है ।
इनका कहना है
मनरेगा में होने वाले सभी कार्यों हेतु सामग्री की खरीदी पक्के बिलों (जी एस टी) पर ही होना चाहिये यह स्पष्ट है, मामले को दिखवा लेते हैं ।
देवेश मिश्रा
सी ई ओ, जनपद पंचायत फंदा
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