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ग्रामीण क्षेत्रों में बिना टीएनसीपी और रेरा अनुमति के कृषि भूमि पर बिक रहे हैं प्लॉट

बाद में खरीदार होते हैं परेशान, कॉलोनाइजर्स भूल जाते हैं अपने वादे


भोपाल । राजधानी के समीपस्थ क्षेत्रों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि पर आवासीय प्लाटों और भूखंडों को बेचने का सिलसिला बदस्तूर जारी है, गौर करने वाली बात यह है कि भोपाल के इतने नजदीक इन इलाकों में दर्जनों नहीं बल्कि सैकड़ों कॉलोनाइजर प्रॉपर्टी डीलर्स बिना रेरा और टीएनसीपी समेत अन्य आवश्यक अनुमतियों के प्लाट बेच रहे हैं ।  स्थिति यह है कि कहीं 51 हजार में प्लाट दिया जा रहा है कहीं 49 हजार में तो कहीं प्लॉट की कीमत 700 रुपये वर्गफीट तक वसूली जा रही है । इतने बड़े पैमाने पर चल रहे गैर अनुमति प्राप्त भू माफिया का कारोबार बहुत बड़े स्तर पर फल फूल रहा है, सूत्रों से प्राप्त जानकारियों के अनुसार भोपाल विदिशा रोड के ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी खेतिहर जमीनों पर भी आवासीय भूखंड बनाकर बेच दिए गए हैं जो धारा 16 के अंतर्गत आती है ।


पहले दिखाए जाते हैं सब्जबाग, पर हकीकत में नहीं होता कोई कार्य


प्लाटिंग के कार्य से जुड़े कई कॉलोनाइजर और बिल्डर्स प्लॉट बेचने के लिए लुभावने वादे करते हुए भव्य गेट बनाने का, रोड बनाने का, सीवेज ड्रेनेज सिस्टम का, पार्क मंदिर बनाने जैसे कई वादे अपने ब्रोशर या अन्य दस्तावेजों में लिख लेते हैं, किंतु सालों पहले बिकी कई कालोनियों के भूखंडों की स्थिति आज भी खेतों जैसी ही है । नतीजतन वहां पहुंचने के लिए पर्याप्त रोड़ों तक की व्यवस्था कॉलोनाइजरों द्वारा नहीं की जाती है, वहीं दूसरी ओर शासकीय अनुमतियों के न होने के कारण यदि लोग वहां निवास भी करने लगे तो उन्हें मूलभूत सुविधाएं सुविधाएं मिलने में काफी समय लग जाता है ।