मध्यप्रदेश अतिथि विद्वान नियमितीकरण महिला संघर्ष मोर्चा मध्य प्रदेश कांग्रेस विधानसभा चुनाव 2018 के वचन पत्र के बिंदु के 1722 के अनुसार उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश की शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों की नियमितीकरण करने के लिए लिए बचन में लगभग 9 माह पूरे होने के बाद भी कोई कदम वचन को पूरा करने की दिशा में नहीं उठाया एवं किसी नियुक्तियां स्थानांतरण से कोई भी अतिथि विद्वान प्रभावित नहीं होगा इस आशय का आदेश सरकार ने आज तक नहीं निकाला है इन कारणों से सरकार को बचाने के लिए 5 सितंबर शिक्षक दिवस भोपाल मे धना का आयोजन किया जा रहा है जिसमें देश के सभी कार्यरत अतिथि विद्वानों से अपील है कि अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर धरना को सफल बनाएं संयोजक शैलू सिंह निजी सहभागिता से महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं को छात्रावास तथा विद्या महाविद्यालय के समीप आवासीय सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी... विश्वविद्यालय महाविद्यालय के स्तर पर मेरिट में आए छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया जाएगा.. मै उच्च शिक्षा तकनीकी शिक्षा चिकित्सा शिक्षा अध्ययन हेतु बैंकों से ऋण लेने वाले विद्यार्थियों को रियायती ब्याज दर पर ऋण लाएगी आर्थिक रूप से कमजोर सभी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए राज्य सरकार गारंटी देगी... महाविद्यालय में एनसीसी एनएसएस को बढ़ावा दिया जाएगा तथा खेलकूद शारीरिक व्यायाम आदि को व्यवस्था की जाएगी ... शासकीय महाविद्यालयों विश्वविद्यालयों में कैंपस चयन कराया जाएगा... कन्या महाविद्यालय छात्रावासों में कन्याओं की सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी पुलिस चौकी की स्थापना करेंगे... सभी छात्र-छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण निशुल्क कराया जाएगा बीमा भी कराया जाएगा.... सभी जिलों में उत्कृष्ट महाविद्यालय में एसएस कोचिंग नेतृत्व में विकास की व्यवस्था करेंगे... निजी महाविद्यालय में कार्यरत शिक्षक संबंधित कर्मचारियों का बीमा भविष्य निधि में शासन द्वारा अंश दिया जाएगा.... निजी महाविद्यालय में कार्यरत शिक्षक संविदा कर्मचारियों को शासकीय संस्थानों की अनुदान योजना के अंतर्गत उनके वेतनमान में सुधार करेंगे उनकी वेतन में 2000 से ₹10000 तक की वृद्धि का प्रयास करेंगे.... अतिथि विद्वानों को रोस्टर के अनुसार नियमित करने की नीति बनाएंगे पीएससी में चैन ना होने की स्थिति में उनको निकाला नहीं जाएगा भविष्य कली अतिथि शिक्षकों शिक्षकों का पेनल महाविद्यालय में अध्ययन किए विद्यार्थियों में से बनाया जाएगा.... आदिवासी अंचलों में स्थापित सभी महाविद्यालयों में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कला के साथ-साथ वाणिज्य और विज्ञान संकाय भी प्रारंभ की जाए.. सभी वर्गों की महाविद्यालय कन्याओं के लिए नए छात्रावास खोलेंगे और उनको शासकीय महाविद्यालयों से जुड़ेंगे.... विज्ञान महाविद्यालयों प्रयोगशालाओं का आधुनिकरण करेंगे
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